मेरा क्या

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ग़ज़लों के दीवान तुम्हारे, मेरा क्या
नज़्मों पर उनवान तुम्हारे, मेरा क्या 


मैं भी,मेरा दिल भी,दिल की धड़कन भी
सब कुछ तो हैं जान तुम्हारे, मेरा क्या


मैंने रब से अपनी ख़्वाइश माँगी थी
पूरे हों अरमान तुम्हारे, मेरा क्या


झुमके,काजल, बिंदी, कंगन लिख्खूँ मैं
होते हैं गुणगान तुम्हारे, मेरा क्या 


किल्क मेरी बस कहने भर को मेरी है
माने सब फ़रमान तुम्हारे, मेरा क्या 


ऊपर बढ़ने की नीयत है साफ़ 'असद'
उतरें कुछ एहसान तुम्हारे, मेरा क्या


वैभव असद अकबराबादी 🖤

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4 Comments

Sushi saxena

14-Feb-2024 05:49 PM

Very nice

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Gunjan Kamal

02-Feb-2024 04:16 PM

👏👌

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Varsha_Upadhyay

02-Feb-2024 12:22 PM

Nice

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